युग्मकजनन
Gametogenesis In Hindi..
प्राथमिक लैंगिक अंग - पुरुष में वृषण और स्त्रियों में अंडाशय युग्मकजननं ( Gametogenesis ) विधि से नर युग्मक में वृषण से निर्मित शुक्राणु और मादा युग्मक में अंडाशय से निर्मित अंडाणु उत्पन करते है और यह दो भागो में होती है।
नर युग्मक ( Male Gamete )
शुक्राणु का निर्माण ( Spermetogenesis )
1 - शुक्राणु पूर्व कोशिका निर्माण ( SPARMETOGENESIS )
2 - शुक्रजनन ( SPARMINOGENISICS )
शुक्राणु पूर्व कोशिका निर्माण ( SPARMETOGENISIS )
वृषण में अपरिपवक नर जर्म कोशिकाये ( शुक्राणुजन ( Sparmetogonia ) बहुवचन तथा एकवचन से शुक्राणुजनन द्वारा शुक्राणु का निर्माण होता है। शुक्राणुजनक नलिकाएं ( Seminifeous Tubules ) के अंदर उपस्थित शुक्राणुजन समसूत्री विभाजन के द्वारा वृद्धि करते है।
प्रत्येक शुकजन ( 2n ) होते है और उसमे 46 गुणसूत्र (Cromosome ) होते है। कुछ शुक्रजनन समय - समय पर अर्धसूत्री विभाजन होता है जिसे हम "प्रथमिक शुक्राणु कोशिका ( Parmary Sparmetosaits )कहते है चित्र ( 1 )से
Male चित्र ( 1 ) , Female चित्र ( 2 )
एक प्रथम शुक्राणु कोशिका प्रथम अर्धसूत्री विभाजन को पूरा करते हुए दो सामान अगुणित ( n ) कोशिकाओं की रचना करते है। जिन्हे दुतियक शुक्राणु कोशिका ( Secondory Sparmetosaits )
कहते है। और इस प्रकार से उत्पन कोशिकाओं में 23- गुणसूत्र (Cromosome ) होते है।
दुतियक शुक्राणु कोशिकाये दूसरे अर्धसूत्री विभाजन से गुजरते हुए चार बराबर अगुणित ( n ) शुक्राणुप्रसू या शुक्राणु पूर्व कोशिका पैदा करती है। यही आगे रूपांतरित होकर शुक्राणु (Sparm ) बनाते है। इस प्रक्रिया को शुक्राणुजनन ( Sparmetogenisis ) कहते है।
imporant notes -
1 - प्रत्येक प्राथमिक शुक्राणुकोशिका में 44 + XY गुणसूत्र होते हैं अर्थात यह कोशिका बड़ी तथा द्विगुणित होती है।
2 - अन्तराली कोशिका या लीडिक कोशिका हमारे वृषण से टेस्टोस्ट्रोन नमक हॉर्मोन उत्पन करता है। जो की हमारे शुक्राणु के निर्माण के सहायक करती है।
4 - ( FSH ) सीधे शुक्राणु कोशिकाजन को प्रभावित कर शुक्राणु बनाता है, इस क्रिया को प्रभावशाली बनाने में ( LH ) नामक हाॅर्मोन का सहयोग मिलता है।
हम लोगो ने शुक्राणु बनने की प्रक्रिया को समझ लिया अगर आपको कोई समस्या है तो आप हमसे कॉन्ट्रैक्ट कर सकते है। आये अब हम जो शुक्राणु बने है में समझते है।
शुक्राणु की संरचना (Structure of Sperm) :-
यह एक अत्यंत सूक्ष्म संरचना है जो एक शीर्ष ( HEAD ) , ग्रीवा ( NECK ) , एक मध्य खण्ड ( MIDDLE PIECES ) और एक पूछ ( TAIL ) की बनी होती है। एक प्लाज्मा झिल्ली शुक्राणु की पूरी ( BODY ) को आवृत किये रहता है।
Head ( शीर्ष )
शुक्राणु से शीर्ष पर अगुणित केन्द्रक होता है। तथा इसके आगे वाले भाग में टोपी की आकृति होती है , जिससे की एक्रोसोम कहा जाता है। इसमें अलग अलग प्रकार के एजाएम्स भरे होते है जो मादा अंडाणु के निषेचन में मदद करते है।
Middle pieces ( मध्य खण्ड )
शुक्राणु के मध्य खण्ड में असख्य माइक्रोकोन्ड्रिया होती है जो पूछ को गति प्रदान करने के लिए ऊर्जा उत्पन , जिसके कारण शुक्राणु को निषेचन करने अवश्यक गतिशीलता प्रदान करने में सुगम बनता है।
पूछ ( Tail )
कोशिका द्रव्य से बना हुआ यह एक लम्बा रचना होता है। किन्तु इसके अंतिम भाग में कोशिका द्रव्य अभाव है। इसी के करण शुक्राणु गति करते है।
अगर कोई समस्या कृपया हमसे संपर्क करे हमारी टीम आपकी पूरी सहायता करेंगी।
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