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स्त्री जनन तंत्र हिंदी Female Reproductive System in hindi

            Female Reproductive System

                         स्त्री जनन तंत्र 


स्त्री जनन तंत्र शरीर के निचले वाले भाग में होते है , इसके अन्तर्गत - चित्र  ( 1 ) से 

1 - एक जोड़ा अंडाशय ( OVARY )
2 - एक जोड़ा अंडवाहिनी  ( FALLOPIAN TUBES )
3 - एक गर्भाशय  ( UTERUS )
4 - गर्भाशय ग्रीवा   ( CERVIXS )
5 - योनि  ( VAGINA ) 



चित्र ( 1 )




अंडाशय ( OVARY ) - 

 जिस प्रकार नर  ( Male ) का वृषण वीर्य  बनाने का कार्य करता था , ठीक उसी प्रकार स्त्री ( Female ) का अंडाशय अंडाणु  बनाने का कार्य करता है। यह  स्त्री में  एक जोड़ी पाया हैं जो की प्रत्येक माह में एक ही अंडाशय ही कार्य करता है।  हर माह में एक "अण्डाणुत्सर्जन" होता है यह दोहरी परत वाली एक संरचना है बाहरी परत को "मिजाबेरियम" तथा अंदर के परत को "जनन उपकला" कहते है।  

स्त्री या मादा में अंडाणु के निर्माण की प्रक्रिया ( 14 आयु ) से ही शुरू हो जाती है।  जब मादा के अंडाशय ( ovary ) से अंडाणु बहार निकलते है , तो वह अंडवाहिनी ( Fallopian tube ) में जाकर रुक जाती है  चित्र   ( 2 )







चित्र - ( 2 )




अंडाशय से अंडाणु का निर्माण -

मादा के अंडाशय के अंदरी परत से जिसे "जनन कोशिका" भी कहते है वे "धमनी" और "शिरा" से जुड़े रहते है , जब "जनन उपकला" आपस में विभाजन शुरु करती है तो वह अंडाशय के अंदर "जनन कोशिका" को प्राप्त होता है।  तो "जनन कोशिका" बहुत तेज़ी से विभाजन करके एक समूह  का निर्माण कर देती है।  अंडाशय के भीतर एक विशेष तरल पाया जाता है , जो हल्का घना होते है जिसे हम "वल्कुट" तथा जो गहरे घने वाले होते है उसे "मध्यांश" भी कहते है।  चित्र ( 3 ) से 


जनन कोशिका के समूह में एक बड़ा कोशिका जिसको "अंडजनक कोशिका" कहते है। इसके एक परत को "प्राथमिक पुटीका" तथा दूसरे परत को "दुतीयक पुटीका" , तीसरे परत को "तृतीयक पुटीका" कहते है। और इस पुरे समूह को ( ग्रेफियन पुटीका ) कहते है।  यही "अंडजनक कोशिका" वृद्धि करकर ग्रेफियन के भित्ति को तोड़कर बहार आ जाती है , यही मादा "अंडाणु" होते है जो अंडवाहिनी  ( Fallopian tube ) चले जाते है। 





चित्र ( 3 ) 




जब नर का वीर्य पेनिस ( penis ) से होता हुआ मादा के योनि ( vagina )  के रास्ते गर्भाशय ( utrerus ) तक पहुँचता है फिर वीर्य / शुक्राणु अपने पूछ की सहायता से अंडवाहिनी में जाता है , वहा पर उपास्थित अंडाणु से स्पर्श कर लेता है , और इसी क्रिया को ही निषेचन ( Fertilization of egg ) कहते है। 


निषेचन ( Fertilization ) की क्रिया अंडवाहिनी में ही होती है फिर धीरे - धीरे निषेचित अंडाणु  मादा के  गर्भाशय की और जाता है , कुछ ही महीनो में ये  अंडाणु बच्चे का रूप ले  लेती है। 



जब निषेचित अंडा गर्भाशय में चला जाता है तो उस अंडा के कोशिका में वृद्धि होने लगती है ये 1 कोशिका से 2 कोशिका तथा 2 से 4  ऐसे ही ये वृद्धि करने लगते है। इसी को भ्रूढ़ ( zygote ) कहते है , और यह  भ्रूढ़ ( zygote ) वृद्धि कर लेते है तब इसे बच्चा  ( Baby)  कहते है।  
                              













Snapshots


नर ( Male )                    मादा ( Female
शुक्राणु ( Sperm )                  अंडाणु ( ovum )  

         निषेचन  ( Fertilization )                  

   युग्मनज ( Embryo )

 भ्रूढ़ ( Zygot )

       बच्चा  ( Baby)




जब नर का वीर्य पेनिस ( penis ) से होता हुआ मादा के योनि ( vagina )  के रास्ते गर्भाशय ( utrerus ) तक पहुँचता है फिर वीर्य / शुक्राणु अपने पूछ की सहायता से अंडवाहिनी में जाता है , वहा पर उपास्थित
अंडाणु से स्पर्श कर लेता है , और इसी क्रिया को ही निषेचन ( Fertilization of egg ) कहते है। 
और इसके प्रकार से मादा के अंदर बचे का विकाश होता है।                                                                          





Humne iss blog me aap sabhi logo ko female reproductive system ke baare me pura aache se samjhaya hai . thanku so much ......
                                                                                         





































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